देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही हल्की से मध्यम वर्षा के साथ मानसून ने दस्तक दे दी है। प्रदेश के हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर को छोड़कर गुरुवार को मानसून ने सभी जिलों को कवर कर लिया। हालांकि, इस बार मानसून सामान्य समय से करीब एक सप्ताह विलंब से पहुंचा है, लेकिन बीते सप्ताह से प्रदेश में प्री मानसून शावर का क्रम बना हुआ है।
हरिद्वार में तेज बारिश से मौसम सुहावना हो गया। नगर निगम और एनएचएआई नालों की सफाई की बात करता रहा और बरसात ने अपना खेल कर दिया।मौसम विभाग ने मानसून आगमन की पुष्टि करते हुए अगले कुछ दिन प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। आगामी तीन जुलाई तक पहाड़ से मैदान तक हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना रह सकता है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में करीब एक सप्ताह से मध्यम से तीव्र बौछार का सिलसिला बना हुआ है। वहीं, देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में भी प्री-मानसून शावर तेज हो गए थे। इस बीच प्रदेश में 27 या 28 जून को मानसून पहुंचने का पूर्वानुमान था। जिसके क्रम में गुरुवार को मानसून ने दस्तक दे दी।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा हो सकती है। उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और टिहरी में आकाशीय बिजली चमकने व गर्जन के साथ तीव्र बौछार पड़ सकती हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड में एक मार्च से 31 मई तक ग्रीष्मकाल में सामान्य से 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इसके बाद एक जून से मानसून सीजन की शुरुआत में भी प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्र सूखे रहे। हालांकि, जून के तीसरे सप्ताह में पर्वतीय क्षेत्रों में प्री-मानसून शावर तेज हो गए।
कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार और तेज हवा चलने का दौर जारी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में मानसून पहुंच चुका है, जो कि सामान्य के करीब ही माना जाएगा। प्रदेश में इस बार मानसून में सामान्य से करीब 10 प्रतिशत अधिक वर्षा का अनुमान है।उत्तराखंड में बीते 16 वर्ष में चार बार मानसून एक सप्ताह विलंब से पहुंचा। तब यहां जुलाई में मानसून सक्रिय हो पाया। वर्ष 2010, 2012, 2014 और 2017 को छोड़कर हर बार मानसून समय पर पहुंचा है।
गुरुवार को सुबह से उमस भरा मौसम रहा। दोपहर बाद आसमान में छाई काली घटाओं ने बरसना शुरू किया। एक घंटे तक लगातार हुई मूसलधार वर्षा से बरसाती नालों में उफान आ गया और बहते पानी के साथ सड़कों पर आई मिट्टी व बजरी के ढेर लग गए। मालरोड पर अनेक स्थानों पर पानी के तालाब बन गए।
एक घंटे बाद जब वर्षा थमी तो मौसम सुहावना हो गया, जिसका पर्यटकों ने खूब आनंद उठाया। वर्षा के दौरान बाजारों में सन्नाटा रहा, लेकिन वर्षा रुकने पर मालरोड तथा अन्य बाजारों में रौनक लौट आई। समीपवर्ती यमुना, अगलाड़ एवं भद्री घाटियों में भी अच्छी वर्षा हुई है, जिससे काश्तकारों के चेहरे पर रौनक दिखी और धान की रोपाई व मक्का की बुआई शुरू कर दी।