स्पीकर के बाद राष्ट्रपति ने भी कुरेद दिया कांग्रेस की जख्म

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद भवन में लोकसभा और राज्य सभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए इमरजेंसी काल का जिक्र किया। इमरजेंसी का जिक्र आते ही जहां प्रधानमंत्री समेत सत्ता पक्ष के तमाम सांसदों बेहद खुश दिखे। वहीं विपक्षी खेमे में खासकर कांग्रेस के सांसद नाराज होते दिखे। राष्ट्रपति का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वागत किया।

इस अवसर पर एक अधिकारी हाथ में राजदंड (सेंगोल) लिए हुए था। राष्ट्रपति 18वीं लोकसभा के गठन और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार बनने के बाद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कीं। राष्ट्रपति को संसद भवन के प्रांगण में सलामी गारद दिया गया और धनखड़, मोदी, बिरला तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू उन्हें लोकसभा कक्ष तक ले गए।

सरकार सार्वजनिक सेक्टर को भी मजबूत करने में जुटी है। आज आईटी से लेकर हेल्थ सेक्टर में बड़ी शक्ति बन रहा है। इन सेक्टरों में रोजगार और स्व रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। गांव में कृषि आधारित उद्योगों का विस्तार किया जा रहा है। सरकार किसानों के उत्पाद संघ का बड़ा नेटवर्क बना रही है। छोटे किसानों की बड़ी समस्या भंडारण से जुड़ी होती है। इसलिए मेरी सरकार दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना पर काम शुरू कर चुकी है।

मेरी सरकार के शुरुआत के दिन से ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है। हम किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतियां बना रहे हैं। जैसे भारत दलहन और तिहलन में दूसरे देशों की निर्भरता खत्म करने के लिए बड़ी कोशिश कर रही है।

भारत का पब्लिक ट्रांसपोर्ट दुनिया में बेहतरीन हो इस मानदंड पर भारत काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इस दिशा में बदलते भारत की योजना को दिखा रही है। गांव में 3 लाख 80 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़क बनाई है। आज भारत में नेशनल हाइवे का जाल बिछ रहा है। नेशनल हाइवे बनाने की गति में दोगुना वृद्धि हुई है। मेरी सरकार ने बुलेट ट्रेन के लिए पूर्वी, उत्तर भारत में फिजिबलिटी स्टडी शुरू कर चुकी है।

मेरी सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट में आवंटन में 10 गुना की वृद्धि की गई है। उत्तर-पूर्व में हर क्षेत्र में विकास कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। असम में 27 हजार करोड़ रुपये की लागत से सेमी कंडक्टर प्लांट बनाया जा रहा है। मेरी सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए निरंतर काम कर रही है. पिछले 10 साल में अनेक पुराने विवादों को हल किया गया है। नॉर्थ ईस्ट में अशांत क्षेत्र में तेज विकास करके चरणबद्ध तरीके से अफ्सा हटाने का काम भी जारी है। देश के हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम बन रहे हैं।

मेरी सरकार की योजनाओं में देश के गरीब, युवा, नारी शक्ति और किसानों को अहम महत्व दिया जा रहा है। देश तभी विकास कर सकता है। इसीलिए मेरी सरकार की योजनाओं में सर्वोच्च प्राथमिकता इन्ही चार स्तंभों को दी जा रही है। हमारी कोशिश इनको हर सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की है।

पिछले 10 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। इसमें एससी-एसटी हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं। विशेषकर आदिवासी समाज में ये बदलाव और भी समझ में आ रहा है। 20 हजार करोड़ रुपये की योजना अति पिछड़े जानजातीय समूह के माध्यम बन रही है। मेरी सरकार दिव्यांग भाइयों और बहनों के लिए स्वदेसी सहायक उपकरण बना रहे हैं। वंचितों की सेवा का ये संकल्प ही सच्चा सामाजिक न्याय है।

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का मानना था कि किसी भी समाज की प्रगति पिछले तबके की प्रगति पर निर्भर है। पिछले 10 वर्षों में राष्ट्र की उपलब्धियों और विकास का आधार गरीब का सशक्तिकरण रहा है। मेर सरकार ने पहली बार गरीब को ये अहसास कराया कि सरकार उनकी सेवा में है। कोरोना कठिन समय में सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए पीएम गरीब कल्याण योजना शुरू की। इस योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिल रहा है जो गरीबी से बाहर निकल गए हैं ताकि वो फिर से गरीबी की तरफ से न जाएं।

मेरी सरकार 55 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ उपलब्ध करा रही है। देश में 25 हजार जन औषधि केंद्रों को खोलने का काम भी जल्दी से चल रहा है। अब आयुष्मान भारत योजना की तहत मुफ्त इलाज का लाभ 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को भी मिलेगा।

पहले अपने ही प्रमाणपत्र अटेस्ट कराने के लिए युवाओं को भटकना पड़ता था, अब युवा सेल्फ अटेस्ट कर रहे हैं। सरकार की ग्रुप सी और ग्रुप डी भर्तियों से इंटरव्यू को खत्म किया गया है। पहले जो विद्यार्थी सिर्फ भारतीय भाषा में पढ़ाई करते थे उनके साथ अन्याय किया जाता था। मेरी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर इस अन्याय को दूर करने के लिए कदम उठाया है।

सरकारी भर्ती हो या परीक्षाएं, सुनिए-सुनिए.. परीक्षाएं किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए ये उचित नहीं है। इनमें शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है। हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है। माननीय सदस्यगणों सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं की अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकार एक डिजिटल विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप सिस्टम बन चुका है।

हमारे वैज्ञानिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलता से उतरते हैं तो हमें गर्व होना चाहिए। जो भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकॉनमी बनता है तो हमें गर्व होना चाहिए। जो भारत इतना बड़ा चुनाव बिना बड़ी हिंसा और अराजकता से पूरा कराए तो हमें गर्व होना चाहिए। भारत के लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति पूर्ण भरोसा जताया है। स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमें इस विश्वास को सहेजकर रखना है। इसकी रक्षा भी करना है। हमें याद रखना होगा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के विश्वास को चोट पहुंचाना उसी डाल को काटने जैसा होगा जिसपर हम सब बैठे हैं।

आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारत का संविधान हर बीते दशकों में हर चुनौती हर कसौटी पर खरा उतरा है। जब संविधान बनाया जा रहा था तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं। देश में संविधान लागू होन के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए। आज 27 जून है। 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था।

तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था। लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाया। क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं।मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती बल्कि हमारा संविधान जन चेतना का हिस्सा हो इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती बल्कि हमारा संविधान जन चेतना का हिस्सा हो इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।

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