देहरादून: उत्तराखंड में भूमि की धोखाधड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब पुलिस ने सीनियर आर्किटेक्ट समेत तीन आरोपियों को भूमि घोटाले में जेल भेजा है. 10 जून 2024 को राकेश बत्ता निवासी महंत रोड लक्ष्मण चौक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) और राजीव कुमार नाम के व्यक्तियों ने उन्हें राजपुर रोड स्थित एक प्लॉट दिखाया.
इस प्लॉट की कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये बताई गई. आरोपियों ने बताया कि यह भूमि अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति की है, जो उनका जानने वाला है. ये लोग उससे बात करके प्लॉट की रजिस्ट्री राकेश के नाम पर करवा देंगे. उसके बाद तीनों व्यक्तियों ने राकेश की अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई. आरोपियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राकेश को धोखा देकर उससे एक इकरारनामा बनाया गया.
अरशद कय्यूम के नाम पर 55 लाख रुपये खाते में और 25 लाख नकद लिए गये. जब पीड़ित राकेश बत्ता प्लॉट में कब्जा लेने पहुंचा, तो वहां पर मौजूद अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति ने जमीन के पेपर दिखाते हुए प्रॉपर्टी को अपना बताया. इस पर राकेश को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी हुई. राकेश की तहरीर के आधार तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस को जांच में जानकारी मिली कि गिरीश कोठियाल, दिनेश अग्रवाल, राजीव कुमार, इमाम और फर्जी अरशद कय्यूम द्वारा संगठित रूप से षडयंत्र के तहत आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया. पीड़ित राकेश बत्ता से 2 करोड़ के चेक सहित 80 लाख रुपये प्राप्त कर लिये गये.
साक्ष्यों के आधार पर थाना राजपुर पुलिस द्वारा आरोपी गिरीश कोठियाल और दिनेश अग्रवाल को थाना राजपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. मुकदमे में एक अन्य आरोपी राजीव कुमार टीएचडीसी कॉलोनी देहराखास पटेलनगर देहरादून से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपी राजीव कुमार के खिलाफ थाना राजपुर में धोखाधड़ी के दो मुकदमे पहले से ही पंजीकृत हैं. अन्य आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है. आरोपी इमाम और फर्जी अरशद कय्यूम की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर टीमें गठित कर रवाना की गयी हैं.
थाना राजपुर प्रभारी पीड़ी भट्ट ने बताया है कि आरोपियों को धोरण खास में उन्हें एक भूमि की जानकारी मिली थी. ये जमीन भदोही निवासी अरशद कय्यूम के नाम पर थी. इस जमीन की कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये थी.
उसको बेचकर मोटी कमाई करने की मंशा से आरोपियों ने उस प्रॉपर्टी के असली वारिस अरशद कय्यूम के नाम के अन्य व्यक्ति की तलाश की. आरोपी दिनेश अग्रवाल के साथ एक इमाम नाम का व्यक्ति रहता है, जो अपने को सिकरोड़ा भगवानपुर का निवासी बताता है.
इमाम ने बताया कि अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति भगवानपुर में रहता है, जिससे वह उनकी बात करवा सकता है. उसके बाद सभी आरोपी दिनेश अग्रवाल के घर पर मिले. पूरी योजना फर्जी अरशद कय्यूम को बतायी गई. उसके बाद सभी आरोपियों ने फर्जी अरशद कय्यूम की मुलाकात द्रोण होटल में पीड़ित राकेश बत्ता से कराई.
राकेश बत्ता को यकीन दिलाया कि यही असली अरशद कय्यूम है, जिसकी जमीन है. फिर आरोपियों ने उस प्रॉपर्टी की डील राकेश से करते हुए उसके एवज में उससे 80 लाख रुपये नकद और बैंक खातों में एवं दो करोड़ के दो चेक लिये. बाकी पैसा रजिस्ट्री के दिन देने की बात तय हुई थी.