देहरादून: एमडीडीए के पूर्व सहायक अभियंता समेत दो लोगों पर धोखाधड़ी, जबरन वसूली करने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि अभियंता ने पीड़ित को उनके भवन की सीलिंग कार्रवाई से बचाने के लिए खुद को उनका पार्टनर बनाया था।
पार्टनरशिप में जब फायदा नहीं हुआ तो पीड़ित की पत्नी से संपत्ति की गिफ्ट डीड करा ली। इसके बाद जब पीड़ित पैसा देने को तैयार हुआ तो गिफ्ट डीड कैंसल करने के नाम पर कई गुना रुपयों की मांग की गई। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले में राजेंद्र नगर निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत की है। उनका कौलागढ़ रोड पर एक कांप्लेक्स है। पिछले साल मई में एमडीडीए के तत्कालीन सहायक अभियंता दिग्विजय नाथ तिवारी की ओर से पार्किंग की शर्तों के उल्लंघन के संबंध में नोटिस भेजा गया।
पीड़ित ने जब इस नोटिस के संबंध में दिग्विजय से बात की तो उसने कहा कि यदि वह उन्हें अपना पार्टनर बना ले तो कांप्लेक्स सील नहीं होगा। दिग्विजय सिंह ने प्रस्ताव रखा कि वह अपने जमीनों के सौदों में उनके भी पैसे लगवा दे।
पीड़ित इस बात पर राजी हो गए और दिग्विजय से 37 लाख रुपये ले लिए। लेकिन, सौदा मन मुताबिक नहीं हुए। इस पर दिग्विजय ने अपने पैसे वापस मांगे लेकिन पीड़ित के पास पैसे नहीं थे। इस पर दिग्विजय ने उनके मकान का एग्रीमेंट अपने नाम पर कराने का प्रस्ताव रखा। इस पर पीड़ित ने अपनी पत्नी को एग्रीमेंट के लिए भेज दिया।
दिग्विजय ने पीड़ित की पत्नी से मकान की गिफ्ट डीड अपने परिचित आदित्य सिंह के नाम करा ली। इस बात का पता जब पीड़ित को लगा तो उन्होंने इसे कैंसल कराने को कहा। इसके लिए दिग्विजय 1.65 करोड़ रुपये मांगने लगा। जबकि, पीड़ित के ऊपर केवल 37 लाख रुपये की देनदारी थी। इस संबंध में उन्होंने पुलिस कप्तान को शिकायत की।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह गत एक अप्रैल की शाम को अपनी पत्नी के साथ प्रार्थनापत्र की स्थिति जानने के लिए जा रहे थे। इस पर ओएनजीसी क्लब के पास उन्हें दिग्विजय और उनके साथ मौजूद दो लोगों ने रोक लिया। आरोप है कि उन्होंने पीड़ित को धमकी दी और उनकी पत्नी के साथ छेड़खानी की गई।