देहरादून। उत्तराखंड में मौसम शुष्क हो गया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक दिन में चटख धूप खिलने लगी है। जिससे तापमान में इजाफा हो रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है।
ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिली रह सकती है। जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि होने के आसार हैं। अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक का इजाफा हो सकता है। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह-शाम हल्की ठिठुरन बरकरार रहने के आसार हैं।
दून में चटख धूप तपिश बढ़ाने लगी है। बीते बुधवार को बादलों की आंख-मिचौनी होती रही, लेकिन कहीं भी वर्षा नहीं हुई। जिसके बाद गुरुवार को आसमान साफ हो गया और सुबह से चटख धूप खिली रही। जिससे तापमान में इजाफा हुआ और 24 घंटे के भीतर अधिकतम पारे में दो डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई।
वहीं, न्यूनतम तापमान में भी वृद्धि होने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बना रह सकता है। जिससे तापमान में तेजी से इजाफा होने के आसार हैं। अगले कुछ दिन में दून में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार जा सकता है। वहीं, न्यूनतम तापमान के भी 15 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के आसार हैं। इससे सुबह-शाम ठंड कम होने के साथ ही दिन में गर्मी बढ़ सकती है।
उत्तराकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर झाला के निकट बृहस्पतिवार की दोपहर भूस्खलन हुआ। पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटा है। जिससे हाईवे क्षतिग्रस्त होने के साथ अवरुद्ध भी हुआ है। हाईवे के अवरुद्ध होने से हर्षिल से उत्तरकाशी लौट रहे 50 से अधिक पर्यटक फंसे रहे।
साथ ही हर्षिल और गंगोत्री क्षेत्र में संचार सेवा भी बाधित हुई है। राजमार्ग को सुचारू करने में बीआरओ की टीम हाईवे के दोनों ओर से जुटी। देर शाम को सीमा सड़क संगठन की टीम ने करीब सात घंटे बाद राजमार्ग को सुचारू किया।
गंगोत्री धाम से 30 किलोमीटर पहले झाला के पास बृहस्पतिवार की दोपहर 12 बजे भूस्खलन हुआ। पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा 50 मीटर क्षेत्र में हाईवे पर गिरा। भूस्खलन से हाईवे का करीब दो मीटर हिस्सा ध्वस्त हुआ है। पहाड़ी के दरकने का अंदेशा स्थानीय निवासियों को साढ़े 11 बजे के करीब हो गया था।
भूस्खलन वाले क्षेत्र से दरकने की आवाज और पत्थर गिरने शुरू हो गए थे। सुरक्षा की दृष्टि हाईवे पर पहले ही यातायात रोका गया। जिससे किसी तरह की दुर्घटना नहीं हुई। सूचना पर सीमा सड़क संगठन की टीम सुक्की टॉप और हर्षिल से घटना स्थल पर पहुंची और राजमार्ग को सुचारू करने में जुटी।
टनकपुर-तवाघाट एनएच पर बुधवार की देर शाम धारचूला और तवाघाट के मध्य दोबाट के निकट मलबा आने से चीन सीमा का लगभग 16 घंटे संपर्क भंग रहा। बुधवार देर शाम दोबाट के पास भारी मलबा गिर गया और तवाघाट मार्ग बंद हो गया। मार्ग बंद होने से ही चीन सीमा सहित 60 से अधिक गांवों का संपर्क भंग हो गया।
मलबा गिरने को लेकर तमाम तरह की अफवाह भी फैल गई। कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की अफवाह भी फैला दी गई। पुलिस और प्रशासन द्वारा जब इसका पता लगाया गया तो यह सब झूठी अफवाह निकली। जिस समय सड़क पर मलबा गिरा उस समय स्थल पर कोई वाहन या लोग नहीं थे।
गुरुवार सुबह जब धारचूला से दारमा, व्यास, चौदास, पांगला, तवाघाट, ऐलागाड़, सोबला जाने वाले वाहन दोबाट के पास पहुंचे तो मार्ग बंद मिला। मौके पर मलबा हटाने का कार्य जारी रहा। गुरुवार पूर्वाह्न 11 बजे के आसपास मलबा हटाए जाने के बाद आवागमन सामान्य हो गया।