देहरादून। उत्तराखंड में भारी वर्षा-बर्फबारी ने पहाड़ से लेकर मैदान तक दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। गढ़वाल मंडल में 150 से अधिक गांव में बिजली बाधित हो गई और कई गांवों में पेयजल आपूर्ति भी ठप है।
गंगोत्री व बदरीनाथ हाईवे के साथ ही कई संपर्क मार्ग भी बर्फ के कारण अवरुद्ध हो गए। जिससे कई गांवों का संपर्क भी कट गया है। बर्फबारी का सबसे ज्यादा असर चमोली और उत्तरकाशी जिले में देखने को मिला। उत्तरकाशी में 30 तो चमोली जिले में 56 गांव बर्फ से ढके हैं।
इससे ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। उत्तरकाशी जिले में बर्फबारी से 50 से अधिक गांवों में बिजली गुल है। वहीं, चमोली में गैरसैंण क्षेत्र में 90 गांव व टिहरी जिले में 25 गांवों की बिजली सुबह से गुल रही। देहरादून के चकराता और आसपास के क्षेत्र में रिकार्ड वर्षा दर्ज की गई।
टिहरी में भारी वर्षा के कारण ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर बछेलीखाल में पहाड़ी से मलबा आने के चलते सुबह करीब साढ़े सात बजे बंद हो गया। जनपद उत्तरकाशी में गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल घाटी, हरकीदून घाटी, सांकरी-केदारकांठा क्षेत्र में बर्फबारी हुई और अन्य क्षेत्रों में तीन दिन से वर्षा जारी है।
रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ धाम में पिछले आठ दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे यहां पांच फीट से अधिक बर्फ जम गई है। चमोली जिले में रविवार को भी दिनभर वर्षा व ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी होती रही। बर्फबारी से हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच हाईवे बाधित है।
बदरीनाथ हाईवे पागलनाला व गुलाबकोटी के पास तीन घंटे बाधित रहा। उधर, कुमाऊं में रविवार को हिमपात, वर्षा, कोहरा और ओलावृष्टि हुई। पिथौरागढ़ व बागेश्वर क्षेत्र के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी हिमपात हुआ, जबकि ओलावृष्टि ने पर्वतीय व मैदानी इलाकों में फल एवं फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
इसके आलावा नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हुई। पिथौरागढ़ की व्यास घाटी में छियालेख से लिपुलेख और दारमा में दर सेला से चीन सीमा तक भारी बर्फबारी हो रही है। तवाघाट-लिपुलेख और तवाघाट-दारमा मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहे।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में आज से भारी वर्षा-बर्फबारी से राहत मिलने के आसार हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में चोटियों पर हल्का हिमपात हो सकता है। मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इसके अलावा उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से पर्वतीय जिलों में 2,500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है।