अंबाला :शंभू सीमा पर किसानों के आंदोलन को राजनीति से दूर रखना किसान जत्थेबंदियां की प्राथमिकता है। आंदोलन के दौरान जमा सैकड़ों किसानों के आगे बोलने के लिए जत्थेबंदियों ने मंच तो दिया है, लेकिन उसके लिए शर्तें भी लगाई। इसमें राजनेताओं की दूरी सबसे पहले स्थान पर है।
किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन में किसी भी पार्टी का नेता आकर समर्थन दे सकता है और उसकी भावनाओं का सम्मान भी होगा, लेकिन उसका मंच की ओर से न तो स्वागत होगा और न ही माइक दिया जाएगा। जबकि राजनेताओं को छोड़कर कोई भी समाज की सेवा करने वाला मंच से अपने विचार प्रकट कर सकता है।
बता दें कि रोजाना हरियाणा, पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान से किसान नेता आकर मंच से अपने विचारों को रख रहे हैं। रोजाना मंच से दर्जनों किसान नेता आकर अपना नाम लिखाते हैं और किसानों को समर्थन देते हुए नजर आते हैं। इसमें कई समाज की सेवा करने वाले भी शामिल हैं।
आंदोलन के पांचवें दिन यानी शनिवार को माहौल शांतिपूर्ण रहा। किसान यूनियनों को रविवार को होनी वाली बैठक के नतीजे का इंतजार है। यही कारण था कि यूनियन से जुड़े किसानों ने सबसे आगे खड़े होकर अपना मोर्चा संभाले रखा और पुलिस के साथ कोई भी टकराव की स्थिति नहीं होने दी। जबकि पुलिस की तरफ से भी राहत की सांस ली गई। दोपहर के समय पुलिस की तरफ से मजदूर लगाकर अपनी किलेबंदी को मजबूत करते हुए दिखाई दे रहे थे।
बता दें कि शंभू सीमा पर पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए एक नाका पंजाब की सीमा में लगाया था, लेकिन किसानों की ओर से उसे तोड़ दिया है। जबकि हरियाणा में सीमा में अभी तक नाका नहीं टूट पाया है। हालांकि कई बार उपद्रवियों की ओर से तोड़ने का प्रयास किया है और उसके विरोध स्वरूप पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां भी दागी थी।
आंदोलन जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे महिला किसानों की भागीदारी भी बढ़ रही है। महिलाएं आगे आकर जहां अपनी-अपनी यूनियन के संग मिलकर बारी-बारी जिम्मेदारी को निभा रही है वहीं कुछ लंगर की भी सेवा करती दिखी। इसके अलावा शनिवार को दर्जनों किसान के परिवार से महिलाएं बच्चों संग शंभू बॉर्डर पर पहुंची।
दरअसल, आंदोलन में पूरे पंजाब के किसान शामिल है। जो अमृतसर, लुधियाना सहित फिरोजपुर से भी पहुंचे हैं। ऐसे में पिछले 5 दिनों से अपने घर वालों से दूर है। इसलिए परिवार उनसे मुलाकात करने और उनका हौसला बढ़ाने के लिए पहुंचे।