उदय दिनमान डेस्कः आइसलैंड में एक बार फिर ज्वालामुखी में बड़ा विस्फोट हुआ है। आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिम में स्थित ग्रिंडाविक कस्बे के पास ज्वालामुखी में तीसरी बार विस्फोट हुआ है। इस विस्फोट के बाद 3.21 किलोमीटर लंबी एक नई दरार बन गई है, जिससे 200 फीट ऊंचा लावा का फव्वारा बाहर निकल रहा है। हालांकि इससे स्थानीय लोगों और उनकी संपत्ति को कई नुकसान नहीं पहुंचा है। लावा बहकर सड़कों तक आने से राख ही राख फैल रही है।
ज्वालामुखी पहली बार 18 दिसंबर को पहली बार फटा था। कई महीनों तक तक लगातार भूकंपीय गतिविधियों के बाद जमीन ऊपर उठ गई, जिसके बाद इस साल जनवरी में फिर यह फट गया। एक्सपर्ट्स ने इस हफ्ते की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि इसमें फिर विस्फोट हो सकता है। 8 फरवरी को इसमें तीसरी बार विस्फोट हुआ है।
तेज भूकंप के झटकों के साथ विस्फोट हुआ। पहले जमीन में दरार पड़ गई, जो 3.21 किलोमीटर लंबी है। इसके बाद उसमें से 164 से 262 फीट ऊंचा लावा का फव्वारा बाहर निकलने लगा। फव्वारे से जहरीला धुआं, खतरनाक गैस और भारी राख निकल रही है।
माउंट सुंधनुकुर के पास मौजूद Sundhnúksgígar crater के पास यह नया विस्फोट हुआ है। विस्फोट की पहली आवाज आने के बाद वैज्ञानिकों ने तुरंत हेलिकॉप्टर से एरियल सर्वे किया। इस बार लावा का बहाव कम है, लेकिन यह 20 सेकेंड में एक ओलंपिक स्वीमिंग पूल जितना तेजी से बाहर आ रहा है।
ग्रिंडाविक कस्बे से दूर उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा की तरफ यह लावा फैलता जा रहा है। इससे इस बार ब्लू लगून रिजॉर्ट और जियोथर्मल स्वार्तसेंगी पावर प्लांट भी सुरक्षित हैं। हालांकि लावा बहकर ब्लू लगून की ओर जाने वाली सड़क को पार कर चुका है।
हालांकि दरारें बढ़ नहीं रही हैं और न ही लगातार लावा बाहर आ रहा है, लेकिन नई दरारों के बनने की आशंका पैदा हो रही है। जमीन का सूजना इसकी वजह है। लावा और दरारों के बढ़ने का खतरा कम हो चुका है, लेकिन धरती के सूजन से चिंता बढ़ रही है।
रीएक्टीवेट यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ में ज्वालामुखी एक्सपर्ट कार्मेन सोलाना का कहना है कि यह इलाका फिर से रीएक्टीवेट हो गया है। कोई वैज्ञानिक नहीं बता सकता कि अगला विस्फोट कब और कितना तेज होगा। कहां होगा।