नई दिल्ली: इजरायल और गाजा के बीच पिछले करीब दो महीने से जारी युद्ध (Israel Gaza War) का समाधान अब तक निकलता नहीं दिख रहा है. 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमलों के जवाब में इजरायल लगातार गाजा पट्टी को निशाना बना रहा है. रॉयटर्स के मुताबिक शुक्रवार रात गाजा पट्टी में खान यूनिस पर इजरायली टैंक ने भीषण गोलीबारी और हवाई हमले किए.
इजरायल हमास के खिलाफ अभियान में पिछले चौबीस घंटों में 200 लोगों के मारे जाने की खबर है. यह जानकारी गाजा के लोगों की तरफ से दी गई है. गाजा पट्टी के कुछ लोगों ने बताया कि गोलीबारी की आवाज से खान यूनिस में इजरायली सेना और हमास लड़ाकों के बीच लड़ाई का पता चलता है. मेडिकल स्टाफ और फ़िलिस्तीनी पत्रकारों के मुताबिक, इजरायली सेना ने मध्य गाजा पट्टी में नुसीरत शिविर पर भी हवाई हमले किए.
इज़रायली सेनाएं मुख्य दक्षिणी शहर में आगे बढ़ने की तैयारी में खान यूनिस पर हमला कर रही हैं, इसके कुछ हिस्से पर वह दिसंबर की शुरुआत में कब्ज़ा कर चुकी हैं. इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि सैनिक हमास के कमांड सेंटरों और हथियार डिपो तक पहुंच रहे हैं. गाजा शहर के हमास नेता याह्या सिनवार के घरों में से एक के तहखाने में एक सुरंग परिसर को नष्ट कर दिया है.
बता दें कि हमास आतंकियों द्वारा इजरायली शहरों पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या करने और 240 लगों को बंधक बनाने के हफ्तों बाद इजरायली बलों ने गाजा पट्टी के अधिकांश हिस्से को बर्बाद कर दिया है. इजरायल ने हमास को गाजा पट्टी से नष्ट कर देने की कसम खाई है.
बता दें कि भीषण तबाही के बाद गाजा के 2.3 मिलियन लोगों में से ज्यादातर लोग अपने घरों से भाग गए हैं और कई लोग फिर से पलायन कर रहे हैं. ये लोग टेंट में शरण लेने या खुले मैदान में तिरपाल और प्लास्टिक शीट के नीचे छिपने के लिए मजबूर हैं. गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में इजरायली हमलों में 187 और फिलिस्तीनियों के मारे जाने की पुष्टि हुई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 21,507 पहुंच गई है.
स्वास्थ्य अधिकारियों और साथी पत्रकारों ने बताया कि अल-कुद्स टीवी के लिए काम करने वाला एक फिलिस्तीनी पत्रकार अपने परिवार के कई सदस्यों के साथ मध्य गाजा पट्टी के नुसीरत शिविर में उनके घर पर हुए इजरायली हवाई हमले में मारा गया.
गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय के मुताबिक, इजरायली हमले में मारे गए फिलिस्तीनी पत्रकारों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने पिछले हफ्ते कहा था कि इज़रायल-गाजा युद्ध के पहले 10 हफ्ते पत्रकारों के लिए सबसे घातक थे, जिसमें एक ही जगह पर सबसे अधिक पत्रकार मारे गए थे.
बता दें कि युद्ध में मारे गए ज्यादातर पत्रकार और मीडियाकर्मी फ़िलिस्तीनी थे.अमेरिका स्थित सीपीजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह “विशेष रूप से इजरायली सेना द्वारा पत्रकारों और उनके परिवारों को निशाना बनाने के एक स्पष्ट पैटर्न के बारे में चिंतित है.”
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, रॉयटर्स की जांच में पता चला कि इजरायली टैंक चालक दल ने 13 अक्टूबर को लेबनान में एक रॉयटर्स पत्रकार, इस्साम अब्दुल्ला की हत्या कर छह पत्रकारों को लगातार दो गोले दागकर घायल कर दिया, उस दौरान पत्रकार सीमा पार गोलाबारी को शूट कर रहे थे.
हालांकि इजरायल ने पहले कहा था कि उसने कभी पत्रकारों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया और न ही कभी बनाएगा. वह नागरिकों को हताहतों होने से बचाने के लिए जो कर सकता है वह कर रहा है, लेकिन बढ़ती मृत्यु दर उसके कट्टर सहयोगियों के बीच भी चिंता पैदा कर रही है.
बता दें कि अमेरिका ने आने वाले हफ्तों में युद्ध को कम करने और हमास नेताओं के खिलाफ लक्षित अभियान शुरू करने का आह्वान किया है. लेकिन अभी तक इज़रायल ने ऐसा करने का कोई संकेत नहीं दिया है.