देहरादून। उत्तराखंड में नए साल के जश्न की तैयारी जोरो-शोरों से चल रही है। गढ़वाल मंडल के पर्यटक स्थल नववर्ष पर सैलानियों से गुलजार रहेंगे। इसके लिए सैलानी लगातार होटल, होम स्टे और गेस्ट हाउस में एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। औली, मसूरी समेत कुछ पर्यटक स्थलों पर नववर्ष का जश्न मनाने के लिए सैलानियों की आमद शुरू भी हो गई है।
पर्यटक तो पहुंच रहे हैं। पहाड़ों पर फिलहाल स्थिति सामान्य है, लेकिन 30 और 31 दिसंबर को भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। ऐसे में विशेषकर पहाड़ों की रानी मसूरी और विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल औली में पर्यटकों को पार्किंग व जाम की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
राज्य के अधिकांश पर्यटक स्थलों पर पार्किंग ही सबसे बड़ी समस्या है, जो पर्यटकों की भीड़ बढ़ने पर जाम का कारण भी बनता है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन इसके वैकल्पिक इंतजाम में जुटे हैं। पर्यटन विभाग ने भी कई पर्यटक स्थलों पर पार्किंग बनाई है, लेकिन कुछ पार्किंग काफी दूर हैं। इससे भी असुविधा हो सकती है।
मसूरी और धनोल्टी में लगभग 350 होटल हैं, जिनमें एक साथ 25 से 30 हजार लोग ठहर सकते हैं। नववर्ष के लिए होटलों में 75 प्रतिशत से अधिक बुकिंग हो चुकी है। इसके सापेक्ष मसूरी में लगभग 2000 वाहनों की पार्किंग क्षमता है, जबकि धनोल्टी में 200 वाहन की। छुट्टियां और जश्न मनाने के लिए देशभर से लोग मसूरी का रुख करते हैं।
नववर्ष पर यहां क्षमता से अधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है, जिससे यह पार्किंग क्षमता कम पड़नी तय है। उस पर इन दिनों विंटर लाइन कार्निवाल भी चल रहा है, जिसमें देशभर से लोग पहुंच रहे हैं। पूर्व में नववर्ष पर मसूरी में भीड़ बढ़ने का दबाव देहरादून तक देखा जाता रहा है।
इसके अलावा यहां 212 वाहनों को खड़ा करने के लिए पर्यटन विभाग ने जो मल्टीलेवल पार्किंग बनाई है, वह शहर से दो किमी दूर है। ऐसे में पर्यटक वहां वाहन खड़ा करने से कतराते हैं। अधिकांश होटलों में भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इन हालात में तमाम पर्यटक वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं और जाम का कारण बनते हैं।
नूतन वर्ष के स्वागत का जश्न मनाने के लिए चमोली जिले के औली में पर्यटकों की आमद शुरू हो गई है। अधिकांश होटलों के कमरे शत प्रतिशत बुक हैं। यहां 25 होटल हैं, जिनमें एक हजार से अधिक पर्यटक ठहर सकते हैं। वाहनों की पार्किंग क्षमता 400 है। औली होटल एसोसिएशन के सदस्य अजय भट्ट के मुताबिक, इस बार यह पार्किंग क्षमता कम पड़ सकती है। वजह यह कि रोपवे का संचालन बंद होने के कारण अधिकांश पर्यटक अपने निजी वाहन से औली आएंगे।
पौड़ी जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल लैंसडाउन में भी पर्यटकों का जमावड़ा लगने लगा है। नववर्ष के जश्न के लिए 80 होटलों को 95 प्रतिशत तक बुकिंग हो चुकी है। इन होटलों में 1500 पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था है। यहां 300 वाहनों की पार्किंग की क्षमता है। निजी पार्किंग के साथ ही अधिकतर होटलों में पार्किंग की व्यवस्था दी गई है।
टिहरी झील में जलक्रीड़ा के साथ नववर्ष के स्वागत का अपना ही आनंद है। नववर्ष पर झील के आसपास का क्षेत्र पर्यटकों से गुलजार रहेगा। यहां 180 होटलों में 2500 पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था है। इनमें से 95 प्रतिशत होटल नववर्ष के जश्न के लिए बुक हैं। यहां लगभग 400 वाहनों की पार्किंग क्षमता है, जो पर्याप्त है।
उत्तरकाशी जिले के हर्षिल में नए वर्ष के स्वागत के साथ बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पर्यटक उत्साहित हैं। इसके लिए पर्यटक लगातार होटलों में एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। यहां 30 और 31 दिसंबर को सैलानियों की अच्छी आमद होने का अनुमान है। हर्षिल के 80 होटलों में 2500 पर्यटकों को ठहराने की क्षमता है। लेकिन, पार्किंग की व्यवस्था महज 300 वाहनों की है।
देहरादून का चकराता क्षेत्र घुमक्कड़ी को अलग अनुभव देता है। बर्फबारी की आस में नववर्ष पर यह क्षेत्र पर्यटकों से लकदक रहता है। यहां पार्किंग की व्यवस्था पर्याप्त है, मगर पर्यटकों के ठहरने के लिए स्थान सीमित हैं। चकराता में 30 होटल हैं, जिनमें एक हजार पर्यटक ठहर सकते हैं। नववर्ष के लिए 85 प्रतिशत तक होटल बुक हो चुके हैं। यहां पर 200 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है।