नई दिल्ली। संसद के निचले सदन में एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन के बाद बुधवार को लोकसभा में विजिटर्स का प्रवेश फिलहाल प्रतिबंधित कर दिया गया है। चल रही कार्यवाही के बीच दर्शक दीर्घा में मौजूद दो लोग लोकसभा के अंदर कूद गए और उन्होंने जमकर हंगामा किया। साथ ही कलर बॉम्ब से पूरे संसद को धुआं-धुआं कर दिया।
कार्यवाही के दौरान लोकसभा की सभी दर्शक दीर्घाओं में दो-दो सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे। आज से ठीक 22 साल पहले इसी दिन वर्ष 2001 में संसद पर हमले किए गए थे। आज भी ऐसा ही एक मंजर दोबारा दोहराया गया। सवाल ये खड़ा होता है कि सुरक्षा कर्मचारियों की मौजूदगी में इतना बड़ा उल्लंघन कैसे हुआ? दोनों शख्स की संसद के दर्शन दीर्घा में एंट्री भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के सिफारिश के बाद हुई थी। प्रताप सिम्हा कर्नाटक से बीजेपी के सांसद हैं।
वैसे तो संसद के अंदर दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए आपको पहले से आवेदन करना होता है। फिर आपका बैकग्राउंड चेक होता है। संसद में एंट्री करने से पहले सुरक्षा जांच और स्कैनिंग भी होती हैं। हालांकि, ये दोनों ही आरोपी कलर बॉम्ब ले जाने में और लोकसभा में घुसने में कामयाब रहे, जो कि सुरक्षा का बहुत बड़ा उल्लंघन है।
भारतीय संसद का दौरा आम जनता कर सकती हैं। संसद की कार्यवाही देखने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए अलग से विजिटर्स गैलरी बनाई गई है, जहां लोग बैठकर सदन की कार्यवाही को देख सकते हैं।
नए संसद भवन में जाने के लिए सबसे पहले संसद का कोई भी राजपत्रित अधिकारी या सांसद प्रवेश पास के लिए आपके नाम की सिफारिश करता है। संसद में जाने का केवल यही एकमात्र तरीका है।संसद की कार्यवाही देखने के लिए पास का होना बेहद जरूरी है, इसके बिना आपकी एंट्री नहीं होगी। एक ग्रुप पास भी बनता है, जिसके जरिए स्कूल और कॉलेज के छात्रों को एक ग्रुप में सदन की कार्यवाही दिखाई जाती है।
ये पास संसद सचिवालय द्वारा बनाया जाता हैं। इसके अलावा आप किसी सांसद के जरिए भी पास बनवा सकते हैं। सांसद के परमिशन और उनके हस्ताक्षर के बाद ही विजिटर्स को पब्लिक गैलरी में बैठने का मौका मिलता है। सासंद की सिफारिश के बाद ही या तो सिंगल और ग्रुप पास बनाया जा सकता है। उस पास में उनका नाम भी लिखा होता है।
दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए आगंतुकों को विशेष पास मिलता है। संसद की कार्यवाही को लाइव देखने के लिए केवल 1 घंटे की अनुमति मिलती है।विजिटर्स गैलरी यानी दर्शक दीर्घा सदन के ऊपर होती है। यहीं से आम लोग सदन की कार्यवाही देखते हैं।