देहरादून: पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दून में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ रहा है। वाहनों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन अब तक एक भी ईवी चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को परेशान हो रही है।
दून में वर्तमान में 10 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की रिसर्च के मुताबिक 40 गाड़ियों पर एक चार्जिंग कनेक्टर होना जरूरी है। एक चार्जिंग स्टेशन पर औसतन छह कनेक्टर्स होते हैं। ऐसे में दस हजार वाहनों के लिए देहरादून में 250 कनेक्टर्स की जरूरत है।
इतने कनेक्टर्स के लिए न्यूनतम 42 चार्जिंग स्टेशन की जरूरत होगी। परिवहन विभाग देहरादून में 50 चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की तैयारी कर रहा है। कई स्टेशनों के लिए जगह भी देख ली गई है। यह बात दीगर है कि अभी तक एक भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित नहीं किया जा सका है।
देहरादून में पायलट प्रोजेक्ट के तहत आठ से दस पेट्रोल पंपों में ईवी चार्जिंग प्वाइंट लगाने की योजना बनाई गई, ताकि वाहन चालकों को राहत मिल सके। यह प्रोजेक्ट भी कागजों में रह गया। अब तक किसी पेट्रोल पंप पर वाहनों की चार्जिंग का इंतजाम नहीं किया जा सका है।
अब जीएमवीएन ईवी चार्जिंग स्टेशन की योजना लेकर आया है। जीएमवीएन के 14 गेस्ट हाउसों में ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। इसके लिए जीएमवीएन और टीएचडीसी के बीच समझौता हुआ है। लेकिन यह प्रोजेक्ट सिर्फ देहरादून नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए है।
देहरादून में द्रोण होटल में यह चार्जिंग स्टेशन लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य स्टेशन अन्य जनपदों में लगाए जाएंगे। इससे दून को कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन देहरादून की आवश्यकता इस स्टेशन से पूरी नहीं हो सकेगी।
दून की कुछ आवासीय सोसाइटी में ईवी चार्जिंग प्वाइंट्स लगे हैं। लेकिन इसमें उस कालोनी के रहने वाले लोगों को ही सुविधा मिलती है। सामान्य लोगों को यहां पर वाहन चार्ज करने की सुविधा नहीं मिलती। इसी तरह कुछ कार एजेंसियों में भी यह चार्जि्ग स्टेशन बनाए गए हैं, लेकिन यह भी सार्वजनिक प्रयोग के लिए नहीं काम करते।