तेल अवीव: हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के बाद 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। इस दौरान बंधकों के साथ हमास ने दरिंदगी की हदें पार की हैं। एक बंधक को जिंदा रहने के लिए टॉयलेट पेपर को गीला करके खाना पड़ा है।
बंधकों को अंडरग्राउंड टनल में हमास ने रखा है। बाउंडलेस इजराइल नाम की संस्था चलाने वाली अवीवा क्लोमपास का कहना है कि वह अभी तक रिहा नहीं किए गए 138 बंधकों को लेकर डरी हुई हैं। हमास और इजरायल के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बाद अभी तक 100 से ज्यादा बंधक गाजा से बाहर आ गए हैं।
क्लोमपास पहले संयुक्त राष्ट्र में इजरायली प्रतिनिधिमंडल के लिए भाषण लिखती रही हैं। उन्होंने कहा कि निर्दोष बंधकों ने जो कुछ सहा है उसे लेकर बेहद दुखद कहानियां सुनी हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हमास की चंगुल से छूट कर आए हैं यह उनकी कहानियां हैं। यानी जो लोग हमासकी अभी कैद में हैं, उनकी हालत और भी बुरी होगी। उन्होंने कहा, ‘हमने भुखमरी से जुड़ी कहानियां सुनी हैं। एक फिलिपींस के नागरिक को गीला टॉयलेट पेपर खाना पड़ा, ताकि वह भूखा न मर जाए।’
फिलिपींस का जिमी पचेको छह हफ्ते से ज्यादा समय तक हमास की कैद में था। हर रोज खाने में उसे एक ब्रेड और नमकीन पानी दिया जाता था। उसे डर था कि शायद ही वह जिंदा बच पाए। लेकिन जिन बंधकों को हमास ने छोड़ा उनमें पचेको भी था। पचेको ने बताया कि उसने जिंदा रहने के लिए गीला टॉयलेट पेपर खाना शुरू कर दिया था। उसे एक नम सुरंग में रखा गया था। बाथरूम जाने के दौरान उसे थोड़ा टॉयलेट पेपर मिलता था, जिसे वह अपनी जेब में रख लेता।
जिमी ने कहा, ‘मुझे लगता था कि शायद ही मैं जिंदा बचूं। क्योंकि मुझे किडनी से जुड़ी समस्या भी है। हम लगभग 40 मीटर जमीन में थे और यहां की दीवार गीली थी। मैं पेपर को दीवार से लगा देता था और गीला होने पर उन्हें खा जाता था। ऐसा करने से मेरा पेट खाली नहीं रहता था।’
छोड़े गए बंधकों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने खुलासा किया कि कम से कम 10 महिलाओं और पुरिषों का यौन उत्पीड़न हमास ने किया। क्लोमपास ने कहा, ‘बच्चों के साथ भी ऐसा व्यवहार किया गया, जो उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर डालेगा। बच्चों को जबरन 7 अक्टूबर की हिंसा का वीडियो दिखाया गया। जब वह रोते तो उनके सिर पर बंदूक रख दी जाती थी।’