देहरादून। इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकर शहर में चल रहे सुंदरीकरण के कार्य व बिजली के खंभों से उतारे जा रहे तारों के जाल के कारण दस दिसंबर तक इंटरनेट ब्रॉडबैंड व स्थानीय केबल नेटवर्क की सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन स्थल एफआरआइ तक और इसके आसपास के समस्त क्षेत्र इससे प्रभावित रहेंगे। हालांकि, इससे मोबाइल नेटवर्क सेवा पर कोई असर नहीं पड़ने का दावा दूरसंचार कंपनियां कर रही हैं।
देहरादून में आठ व नौ दिसंबर को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर शहर की सड़कों को चमकाया जा रहा है। साथ ही खंभों पर लगे तारों के जाल को हटाया जा रहा है। दरअसल, कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन प्रस्तावित है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं प्रधानमंत्री को आमंत्रण पत्र देकर आए हैं।
दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री ने रविवार को एयरपोर्ट से एफआरआइ तक सड़क की स्थिति व शहर में चल रहे निर्माण व सुंदरीकरण के कार्यों का निरीक्षण किया था। जिला प्रशासन की ओर से समस्त दूरसंचार कंपनियों और केबल ऑपरेटरों को बिजली के खंभों पर फैले तारों के जाल हटाने की चेतावनी दी थी, लेकिन इस पर किसी ने कदम नहीं उठाया। इसके चलते संबंधित क्षेत्रों में इंटरनेट ब्रॉडबैंड और केबल नेटवर्क की सेवा अभी से बाधित होने लगी है।
शहर के बीचों बीच घंटाघर, राजपुर रोड, चकराता रोड, हरिद्वार रोड, ईसी रोड, सहारनपुर रोड, जीएमएस रोड आदि क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड व केबल टीवी की सेवाएं सोमवार को भी प्रभावित रहीं। प्रशासन ने रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड, एयरटेल को निर्देश दिए हैं कि केबल एवं ब्रॉडबैंड से संबंधित कार्य दस दिसंबर तक न किए जाए। तारों का जाल हटने से दस किमी के दायरे में केबल एवं ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रभावित रहने की आशंका है।
रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के प्रबंधक गौरव शुक्ला ने बताया सुंदरीकरण वाले क्षेत्र के दायरे में आने वाले सभी हिस्सों में कनेक्टिविटी प्रभावित रहेगी। ग्राहकों के लिए दूसरे विकल्प तलाशे जा रहे हैं। वहीं बीएसएनएल के डीजीएम आरएस फोनिया ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
ब्रॉडबैंड की केबल कटने से सोमवार को आरटीओ कार्यालय में कामकाज ठप रहा। वाहन ट्रांसफर, परमिट, फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस आदि से जुड़ी फीस इंटरनेट सेवा न होने के कारण जमा नहीं हो सकी। सुबह से शाम तक ट्रांसपोर्टर इधर से उधर दौड़ लगाते रहे, लेकिन काम नहीं हुआ।