गुरुग्राम: गुरुग्राम से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के लिए 35 श्रमिकों व उनके परिवारों को लेकर रवाना हुई स्लीपर बस दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे-48 पर गूगल बिल्डिंग के पास आग का गोला बन गई। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में दीवाली मनाने जा रहे परिवारों की दीवाली की खुशियां छिन गई। इस आग ने दो जिंदगियां बुझी दीं।
गुरुग्राम में अलग-अलग स्थानों से रोजाना उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों के लिए श्रमिक व उनके परिवारों को लेकर स्लीपर बसें रवाना होती हैं। बुधवार की रात को भी एक स्लीपर बस नंबर-एआर-01-के-1707 सेक्टर-12 से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के लिए रवाना हुई थी। इस बस में श्रमिक व उनके परिवारों के सदस्य सवार थे। जैसे ही यह बस नेशनल हाइवे-48 पर 32 माइल स्टोन से ठीक पहले गूगल की बिल्डिंग के पास पहुंची तो बस में अचानक आग लग गई। ड्राइवर ने तुरंत बस रोकी और यात्रियों ने उतरना शुरू कर दिया।
आग इतनी तेज थी कि वह बस में फैलती जा रही थी। अपना जान बचाने के लिए कोई दरवाज से उतरा तो किसी ने खिड़कियों से छलांग लगा दी। बस में सभी यात्री उतर भी नहीं पाए थे कि पूरी बस आग का गोला बन गई। करीब 15 लोग इस आग में झुलस गए और एक महिला व बच्ची की जलने से दर्दनाक मौत हो गई। बस में से जो जैसे निकल पाया, वह निकला। कोई दरवाज से निकला तो किसी ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई।
इस हादसे में एक महिला व एक बच्ची की जलने से दर्दनाक मौत हो गई। एक दर्जन लोग बुरी तरह से झुलस गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस आग की घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंची। बुरी तरह से झुलसे तीन लोगों को सफदरजंग अस्पताल दिल्ली, छह लोगों को गुरुग्राम नागरिक अस्पताल व पांच लोगों को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के मुताबिक घटना के समय बस में गुरुग्राम के पुलिस करीब 40 यात्री सवार थे। ये सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। दिवाली के मौके पर अपने घर जा रहे थे। वे अपने साथ छोटे गैस सिलेंडर लिए हुए थे। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आग इन छोटे सिलेंडरों की वजह से लगी होगी। फॉरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है।