उदय दिनमान डेस्कः कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस साल धनतेरस का पर्व 10 नवंबर शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। धनतेरस को लेकर मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। इसके अलावा कुबेर भगवान की उपासना की जाती है।
धनतेरस का दिन महालक्ष्मी,भगवान गणेश, कुबेर महाराज और भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाता है।
त्रयोदशी तिथि का आरंभ 12 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से 1 बजकर 57 मिनट तक। प्रदोष काल शाम में 5 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 8 मिनट तक।
इसके अलावा वृषभ लग्न शाम में 5 बजकर 47 मिनट पर वृषभ लग्न उदित होगा और 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा करना बेहद शुभ रहेगी क्योंकि, यह स्थिर मुहूर्त है। इसलिए धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम में 5 बजकर 47 मिनट से 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। वहीं, यम दीप दान का मुहूर्त भी इस समय तक ही है।
धनतेरस से पहले ही दिवाली की अच्छे से साफ सफाई कप लें। इस दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, कुबेर महाराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा एक साथ कर लें। साथ ही इस दिन जरुरमंद लोगों को अपने सामर्थ के अनुसार, दान जरूर करें।
धनतेरस के दिन सुबह स्नान आदि के बाद मंदिर में जाएं और अपने बाएं हाथ में जल भरकर खुद पर और अपने आसपास छिड़के।इसके बाद लाल कपड़ा बिछाएं और कुबेर देव को स्थापित करें। कुबेर देव, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और धनवंतरी भगवान की तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद सभी को वस्त्र के रूप में मोली चढ़ाएं। इसके बाद कुबेर देव को अपनी श्रद्धा के अनुसार, चीजें अर्पित करें। आप चाहें का चांदी का सिक्का आदि भी अर्पित कर सकते हैं। आप चांदी के सिक्के के अलावा नारियल भी चढ़ा सकते हैं।इसके बाद लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें और माता लक्ष्मी की आरती उतारें। इसके बाद प्रसाद भगवान को अर्पित करें परिवार के लोगों को बांटें।