वन भूमि स्थानातंरण से संबंधित किसी भी जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रस्ताव लंबित न रहें इसके लिए नियमानुसार ग्राम पंचायतों की बैठक भी अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएं।
रुद्रप्रयाग: वन भूमि स्थानातंरण से संबंधित किसी भी जन कल्याणकारी योजना के प्रस्ताव लंबित न रहे इसके लिए सभी संबंधित अधिकारी आपसी समन्वय के साथ तत्परता से कार्य करते हुए लंबित प्रकरणों का निस्तारण शीघ्रता से शीघ्र करना सुनिश्चित करें यह निर्देश जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार ने जिला कार्यालय सभागार में जल निगम द्वारा संचालित की जाने वाली पेयजल योजनाओं के संबंध में वन भूमि स्थानातंरण (एफआरए) की समीक्षा बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए।
बैठक में जल निगम द्वारा तीन योजनाओं के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए जिसमें चोपता ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना के निर्माण हेतु 0.943 है. वन भूमि स्थानांतरण का प्रस्ताव तथा विकास खंड अगस्त्यमुनि के अंतर्गत नवासू-खेड़ाखाल पंपिंग पेयजल निर्माण हेतु 0.642 है. वन भूमि स्थानातंरण का प्रस्ताव तथा विकास खंड जखोली के अंतर्गत क्वीलाखाल-सौंदा ग्राम पंचायत पंपिंग पेयजल योजना के प्रस्ताव 0.93 है. वन भूमि स्थानातंरण के प्रस्ताव समिति के समक्ष प्रस्तुत किए गए जिसको जिलाधिकारी द्वारा संस्तुति दी गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता जल निगम को निर्देश दिए हैं कि उनके द्वारा जनपद में जितनी भी पंपिंग योजना स्वीकृत हो रखी उनमें वन भूमि स्थानातंरण के मामलों में गंभीरता से कार्य करें तथा ग्राम पंचायतों में खुली बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वन भूमि के मामलों में सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें तथा प्रभागीय वनाधिकारी से बेहतर समन्वय रखते हुए यदि किसी भी प्रकार की कोई समस्या होती हैं तो इसका समाधान करना सुनिश्चित करें ताकि कोई भी योजना वन भूमि स्थानातंरण के मामले में लंबित न रहे।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु, अधिशासी अभियंता जल निगम नवल कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी हर्षवर्धन भट्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र सिंह बिष्ट, सदस्य जिला पंचायत भारत भूषण भट्ट सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।