‘स्वर्ग की सीढ़ी’ पर चढ़ने वाला ब्रिटेन का व्यक्ति 300 फीट नीचे गिरा, मौत

उदय दिनमान डेस्कः “ट्रेन से लटकना”, “नदी या झरनों के बेहद करीब जाना”, “बाइक पर स्‍टंट करना” और न जाने कितनी ही ऐसी जानलेवा हरकतें हैं, जिन्‍हें लोग सोशल मीडिया पर करते नजर आते हैं. सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए आजकल सिरफिरे लोग कुछ भी करने को तैयार नजर आते हैं. इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो जाती है. ताजा मामला आस्ट्रिया का है, जहां एक शख्‍स की मौत इंस्टाग्राम पर फेमस ‘स्वर्ग की सीढ़ी’ पर चढ़ने गया, लेकिन हादसे का शिकार हो गया.

मेट्रो न्‍यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आस्ट्रियाई पर्वत पर एक बेहद संकीर्ण सीढ़ी पर चढ़ते समय 90 मीटर से अधिक की ऊंचाई से नीचे गिरने के बाद एक ब्रिटिश पर्यटक की मौत हो गई. दरअसल, ये प्‍वाइंट इंस्टाग्राम फ़ोटो लवर्स वाले पर्यटकों के बीच बहुत फेमस है. ये हवा में लटकती हुई सीढि़यां हैं, जिसे स्थानीय लोग “स्वर्ग की सीढ़ी” भी कहते हैं. ये सीढि़यां साल्ज़बर्ग के बाहर डैचस्टीन पर्वत की ओर जाती हैं.

यह हादसा 12 सितंबर को हुआ, जब 42 वर्षीय व्यक्ति बिना किसी गाइड के अकेले ही सीढ़ी पर चढ़ने लगा. इस दौरान वह सीढ़ी से फिसल गया और नीचे घाटी में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई. दुर्घटना के बाद पुलिस अधिकारी और बचाव दल के दो हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन उस व्यक्ति को बचाया नहीं जा सका. गिरने के कुछ ही देर बाद बचावकर्मियों ने उसका शव बरामद कर लिया.

इस घटना में पुलिस अधिकारियों ने किसी भी तीसरे पक्ष की लापरवाही से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि दुर्घटना के समय पर्वतारोही पूरी तरह से अकेला था. हालांकि, मारे गए शख्‍स की पहचान अभी तक नहीं बताई गई है.

बता दें कि डैचस्टीन क्षेत्र की पर्यटक वेबसाइट पर इस ‘स्‍वर्ग की सीढ़ी’ को ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए नए आकर्षण के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. इसमें कहा गया है कि सीढ़ी पर चढ़ाई चार चरणों में की जाती है. सीढ़ी की लगभग 40 मीटर लंबी है. यहां से डचस्टीन के ग्लेशियर के साथ-साथ ऑस्ट्रिया के सबसे ऊंचे पर्वत – ग्रोबग्लॉकनर के अद्भुत और लुभावने दृश्य नजर आते हैं.

वेबसाइट पर दिए गए विवरण में लिखा है- स्वर्ग की सीढ़ी का निर्माण आउटडोर लीडरशिप ने अपने पेशेवर पर्वतारोही हेली पुत्ज़ के साथ मिलकर किया था. हालांकि, वेबसाइट चेतावनी देती है कि सीढ़ी पर चढ़ाई “केवल अनुभवी पर्वतारोहियों” के लिए है और इसे सामान्‍य मौसम की स्थिति में पूरा किया जाना चाहिए.

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