नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आगाज पीएम मोदी के संबोधन के साथ हुआ। पीएम ने जी20 से भारत की साख को मिली मजबूती का जिक्र किया। इस सत्र में सरकार चार बिल पेश करेगी, जिसको लेकर संसदीय बुलेटिन में जानकारी दी गई थी। हालांकि, विपक्ष ने एक बार फिर इस पर हंगामा किया।
विपक्षी पार्टियों ने इस विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर सरकार को घेरने का एजेंडा बनाया था। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेताओं ने बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर मीटिंग कर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। इसको लेकर सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी (PM Modi in Sansad) को एक पत्र लिखा है, जिसमें 9 मुद्दे उठाए गए हैं।
संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। नए संसद भवन में संसदीय कार्यवाही के पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में 128वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। यह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करता है।
लोकसभा की कार्यवाही 20 सितंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है। इससे पहले, महिला आरक्षण से संबंधित बिल नारी शक्ति वंदन अधिनियम को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। अब इस बिल पर बुधवार को चर्चा की जाएगी।केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश करते हुए कहा कि लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटें रिजर्व होगी। महिला आरक्षण की अवधि 15 साल तक होगी। अवधि बढ़ाने का अधिकार सदन के पास होगा।
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजकर 47 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सभापति जगदीप धनखड़ ने यह घोषणा की।नए संसद भवन में संसदीय कार्यवाही के पहले दिन महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक को पेश किया गया है। इस बिल को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन के पटल पर रखा। हालांकि, इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा किया।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा मच गया है। उनके भाषण पर एनडीए सांसदों ने आपत्ति जताई है। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी भी अस्तित्व में हैं। इसे राजीव गांधी, नरसिम्हाराव और मनमोहन सिंह की सरकार में भी पेश किया गया था। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल अब अस्तित्व में नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के बयान को रिकार्ड से हटाया जाए।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भारत और इंडिया में कोई फर्क नहीं है। हमारे संविधान में लिखा है- वी द पीपुल ऑफ इंडिया। इसमें हिंदू, मुस्लिम, जैन नहीं लिखा है।पीएम मोदी ने कहा कि मैं चाहूंगा कि हम सब हमारे श्रमिकों का, हमारे कामगारों का, हमारे इंजीनियर्स का हृदय से धन्यवाद करें। उनके द्वारा निर्मित ये भवन उनको प्रेरणा देने वाला है। इसके लिए 30 हजार से ज्यादा श्रमिकों ने परिश्रम किया है, पसीना बहाया है।
पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने पहले भाषण में कहा कि कहा जाता है- यत भावो तत् भवति। यानी हमारा भाव जैसा होता है, वैसे ही कुछ घटित होता है।पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि Women Led Development को हम बल दें। महिला सशक्तिकरण की हमारी हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं।
पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियमन के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं-बहनों औऱ बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति, नीति और शक्ति का इस्तेमाल समाज में प्रभावी बदलाव का एक बहुत बड़ा माध्यम होता है। इसलिए अंतरिक्ष हो या खेल हो, स्टार्टअप्स हो या SHG हो, हर क्षेत्र में दुनिया भारतीय महिलाओं की ताकत देख रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पहले भी पेश हुआ था, लेकिन इसके लिए जरूरी आंकड़े नहीं जुटा पाए। अब यह काम करने के लिए मुझे चुना गया है। एक बार फिर मेरी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। महिला आरक्षण विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। आज 19 सितंबर की यह तारीख इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है।
पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने पहले संबोधन ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र का जब ये नया गृह प्रवेश हो रहा है, यहां आजादी की पहली किरण का साक्षी, पवित्र सेंगोल भी रखा हुआ है। ये वो सेंगोल है, जिसको भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का स्पर्श हुआ था। ये सेंगोल हमें महत्वपूर्ण अतीत से जोड़ता है।
पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने पहले संबोधन में कहा कि भवन बदला है। भाव और भावना भी बदलनी चाहिए।पीएम मोदी ने कहा कि आज आधुनिक भारत और हमारे लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है। सुखद संयोग है कि आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। आजादी के अमृतकाल का ये ऊषाकाल है और भारत अनेक सिद्धियों के साथ नए संकल्प लेकर, नए भवन में अपना भविष्य तय करने के लिए आगे बढ़ रहा है।पीएम मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा- माननीय सदस्यगण, आज हमारे देश के लोकतांत्रिक इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जब हम संसद के नए भवन में लोक सभा की पहली बैठक आरंभ कर रहे हैं।
नए संसद भवन में राष्ट्रगान के साथ लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। इससे पहले, कल पुराने भवन में सत्र आयोजित किया गया था।लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नए संसद भवन में पहुंच गए हैं। आज सेस संसद में संसदीय कार्यवाही शुरू होगी।पीएम मोदी पुराने संसद भवन से नए संसद भवन पहुंच गए हैं। उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर, जब हम अपने संसदीय लोकतंत्र में एक नया अध्याय जोड़ने की दहलीज पर खड़े हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। हम सभी इस इतिहास को देखने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं, क्योंकि हम इस पुराने संसद भवन को अलविदा कह रहे हैं और नए भवन में जा रहे हैं। प्रभावशाली ढंग से आयोजित G20 के परिणामस्वरूप भारत की वैश्विक शक्ति का प्रदर्शन हुआ। संसद की नई इमारत, भारत मंडपम और यशोभूमि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाली नवीनतम बुनियादी ढांचा उत्कृष्ट कृतियां हैं।
पीएम मोदी और अन्य लोग पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल से निकल चुके हैं। अपने संबोधन नें प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि पुराने भवन को अब संविधान सदन के नाम से जाना जाए।सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,मेरा एक सुझाव है। अब जब हम नई संसद में जा रहे हैं तो इसकी (पुरानी संसद भवन) गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ पुरानी संसद भवन बनकर नहीं छोड़ देना चाहिए. इसलिए मेरा आग्रह है कि यदि आप सहमत हैं तो इसे संविधान सदन के नाम से जाना जाना चाहिए।”
पीएम मोदी ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को सबसे पहले परिपूर्ण करना होगा। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करती है।महिला आरक्षण बिल पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि पीएम मोदी जो भी फैसला लेंगे, वह देश के हित में होगा। हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं।
पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा- मैंने लाल किले से कहा था – यही समय है, सही समय है। अगर हम एक के बाद एक घटनाओं को देखें, तो उनमें से हर एक इस बात की गवाही देती है कि आज भारत एक नई चेतना के साथ जागृत हुआ है। भारत एक नई ऊर्जा से भर गया है। यही चेतना और ऊर्जा करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्प में बदल सकती है और उन संकल्पों को हकीकत में बदल सकती है।
पीएम मोदी ने कहा कि छोटे कैनवास से कभी बड़ा चित्र नहीं बनाया जा सकता है। उसी तरह हमें अपनी सोच का कैनवास बढ़ाना होगा, तभी भारत तरक्की के पथ पर आगे बढ़ेगा।पीएम मोदी ने कहा कि मेरा विश्वास है कि देश जिस दिशा में चल चुका है, इच्छित परिणाम जल्द मिलेंगे। हम गति जितनी तेज करेंगे, परिणाम उतनी जल्दी मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है। इसे लेकर पूरी दुनिया आश्वस्त है।
पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अभी तक लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर करीब-करीब 4 हजार से अधिक कानून पास किए हैं। उन्होंने कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि हमें सदन में आर्टिकल 370 से मुक्ति पाने का मौका मिला। ऐसी कई महत्वपूर्ण कामों में संसद की भूमिका अहम रही है।
पीएम मोदी ने कहा पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में ही 1947 में अंग्रेजी हुकुमत ने सत्ता का हस्तांतरण किया। वो ऐतिहासिक लम्हें का गवाह भी ये केंद्रीय कक्ष रहा। इसी हॉल में हमारे राष्ट्रीय गान और तिरंगे को अपनाया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने केंद्रीय कक्ष में आकर हमारे माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार संबोधित किया गया है।
पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कहा- देश के 140 करोड़ देशवासियों को गणेश चतुर्थी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर श्री गणेश करने जा रहे हैं। संसद भवन का ये केंद्रीय कक्ष कई भावनाओं से भरा है। ये हमें भावुक भी करता हैं और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि 75 वर्षों की इस यात्रा में हमने कई क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि हम अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाए और देशवासियों के जीवन में सुधार लाने का प्रयास करें।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये केंद्रीय कक्ष पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के आजादी के बाद का ऐतिहासिक भाषण का गवाह रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब पार्टी लाइन से हटकर देशहित में काम करेंगे तभी राष्ट्र का सही मायने में विकास होगा। हम नए भवन में भी अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाते रहेंगे।
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि आज नए संसद भवन में प्रवेश करना ऐतिहासिक पल है, जो हम सबके लिए यादगार रहेगा। मैं सबको इसके लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा- कई सारी चुनौतियां अभी बाकी है। पिछले 10 वर्षों में हम इस तरफ काफी आगे बढ़ चुके हैं। हम सब मिलकर काम करेंगे। लक्ष्य बढ़ा है और कठिन है, लेकिन मुश्किल नहीं है। नई संसद अपनी विशाल और उत्कृष्ट भव्यता के साथ आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक होगी।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आजादी के बाद केंद्रीय कक्ष में 389 दिग्गजों ने 2 वर्ष 11 माह तक संविधान की रूपरेखा तैयार करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। देश में कई क्षेत्रों में चुनौतियां हैं, अगर हम सब मिलकर कोशिश करेंगे तो 2047 से पहले भी देश को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं।
भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि दुनिया में सहानुभूति और दया से बड़ी कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि वे किसी कम भाग्यशाली व्यक्ति के जीवन को बदल सकते हैं। दयालुता अपने स्वयं के प्रतिफल के रूप में कार्य करती है
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भारत की युवा आबादी को देश की आर्थिक वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाना आवश्यक है। हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी विकसित देशों की तुलना में बहुत पीछे है।
इस आर्थिक विकास की चुनौती से निपटने के लिए विकास समर्थक सरकारी नीतियों, कम मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने, ब्याज दरों को कम करने, बेरोजगारी को कम करने, कुशल कार्यबल को बढ़ावा देने, क्रय शक्ति को बढ़ाने, मांग को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्र में कहा कि मैं इस मंच पर खड़े होकर ऊंचा और उत्साहित महसूस कर रहा हूं, जिसने ऐतिहासिक घटनाओं और कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कारवां देखा है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि मैं नई इमारत से संसद के दोनों सदनों के कामकाज को लेकर बहुत खुश और उत्साहित हूं, जो नए और उभरते भारत का प्रतीक है, जो 2047 तक पीएम की कल्पना के अनुसार एक विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।