अयोध्या। 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। राममंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र ने बताया कि राममंदिर के भूतल का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है और शेष पांच प्रतिशत कार्य 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
भूतल की फर्श का निर्माण भी पूर्णता की ओर है। मंदिर की सीढ़ियों पर संगमरमर लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। डा. मिश्र के अनुसार सिंहद्वार से जोड़ने वाली इन सीढ़ियों के दोनों तरफ प्रतिमाएं लगेंगी। भूतल के साथ परकोटे के निर्माण की प्रगति पर भी उन्होंने प्रसन्नता जतायी।
बताया कि मंदिर और परकोटा के बीच कर्नाटक के ग्रेनाइट से रास्ता बनाया जाएगा और शेष जगह हरियाली होगी। एक प्रश्न के उत्तर में डा. मिश्र ने बताया कि राममंदिर में प्रतिदिन डेढ़ से ढाई लाख के बीच श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जाएगा। श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था चार पंक्ति में होगी।
डा. अनिल मिश्र ने बताया कि 75 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर की खाली पड़ी भूमि भी सज्जित की जा रही है। कुबेर टीला के सज्जा का काम प्रगति पर है और 31 दिसंबर तक उसे पूर्ण कर लिया जाएगा।
रामलला के विग्रह की स्थापना से जुड़ी तैयारियों को अंतिम स्पर्श दिए जाने के साथ सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। डा. मिश्र ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सुरक्षा के किसी विषय से कोई समझौता नहीं करेगा और सुरक्षा का सभी मानक पूरा किया जाएगा।
यद्यपि इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी की वायरिंग हो चुकी है। 25 दिसंबर तक सीसीटीवी कैमरे, ध्वनि विस्तारक यंत्र, स्कैनर आदि सुरक्षा संबंधी उपकरण भी लग जाएंगे।
रामजन्मभूमि परिसर के आंतरिक मार्गों का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है। इसमें प्रवेश एवं निकास मार्ग के अलावा यात्री सुविधा केंद्र और राममंदिर के बीच का मार्ग महत्वपूर्ण है। यात्री सुविधा केंद्र सहित इस मार्ग का निर्माण भी जल्द ही पूरा कर लिए जाने का अनुमान है।
वैकल्पिक गर्भगृह से नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थानांतरित किए जाने की व्यवस्था के चलते वैकल्पिक गर्भगृह में विराजे रामलला का दर्शन 20 और 21 जनवरी को बाधित रहेगा। यद्यपि उनका पूजन-अर्चन निर्धारित विधि विधान से होगा।
”हम अर्थ को केंद्र में रखकर कोई व्यवस्था नही करते” -एक प्रश्न के उत्तर में डा. अनिल ने कहा कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के दर्शन-आरती आदि का कोई शुल्क नहीं सुनिश्चित करेगा। हमसे जो संभव होगा दर्शनार्थियों को वह सुविधा प्रदान करेंगे।