नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने कहा है कि उत्तरी गाजा में ‘‘अकाल पड़ना तय’’ है क्योंकि यहां की लगभग 70 प्रतिशत आबादी विनाशकारी भुखमरी का सामना कर रही है. विश्व खाद्य कार्यक्रम ने सोमवार को ‘इंटीग्रेटिड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासीफिकेशन (आईपीसी) के अपने नवीनतम निष्कर्ष जारी किए. आईपीसी भुखमरी के संकट के पैमाने का आकलन करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है.
इसने कहा कि एक तरह से गाजा में हर कोई भरपेट खाने के लिए संघर्ष कर रहा है और उत्तरी गाजा में लगभग 2,10,000 लोगों की स्थिति भुखमरी के चरण-पांच में पहुंच चुकी है. भुखमरी के पैमाने में चरण पांच सबसे अधिक खतरनाक होता है जो विनाशकारी हालातों को दर्शाता है.
इसने आगाह किया कि अगर इजराइल रफह के दक्षिणी हिस्से तक अपने हमलों का विस्तार करता है तो गाजा की 23 लाख आबादी में से लगभग आधी आबादी विनाशकारी भुखमरी की चपेट में आ जाएगी. इजराइल का कहना है कि उसने मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई हुई है . उसने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.
गाजा में हमास पर ऑपरेशन के बीच इजरायल ने फिलिस्तीन के लोग इस साल रमजान के महीने में उनके कब्जे वाले अल-अक्सा मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए आने की इजाजत दी थी. इजराइल ने कहा था कि वह अपने कब्जे वाले वेस्ट बैंक से फिलिस्तीनियों को रमजान के पवित्र महीने के दौरान अल-अक्सा मस्जिद परिसर में जाने और प्रार्थना करने की अनुमति देगा.
हमास ने बीते साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया था. जिसके चलते इजरायली सरकार द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण फिलिस्तीनी यरूशलेम नहीं जा पा रहे थे.