अमेरिका :अमेरिका में शुक्रवार (27 सितंबर) को आए हेलेन चक्रवात से 5 राज्यों में अब तक 52 लोगों की मौत हो गई है।अमेरिकी मीडिया हाउस CNN के मुताबिक, तूफान की वजह से आए बवंडर और बाढ़ में कई घर बह गए।चक्रवात का सबसे ज्यादा असर साउथ कैरोलिना और जॉर्जिया में देखने को मिला जहां कैटेगरी 4 के तूफान से 34 लोगों की मौत हुई है। पांचों राज्यों में तूफान की वजह से कई लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है। नॉर्थ कैरोलिना में कुछ जगहों पर भूस्खलन भी हुआ। यहां लोगों को रेस्क्यू करने के लिए हेलिकॉप्टरों को भेजा गया।
इस दौरान 59 लोगों को एक अस्पताल की छत से बचाया गया। अमेरिका में तूफान की वजह से 45 लाख लोगों के घरों में बिजली सप्लाई नहीं हो पा रही है। फ्लोरिडा में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 4 हजार नेशनल गार्ड्समेन को तैनात किया गया है।तूफान से 2.51 लाख करोड़ का नुकसान फाइनेंशियल कंपनी मूडी ने बताया कि हेलेन चक्रवात की वजह से अमेरिका में 2 लाख 51 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। BBC के मुताबिक, गल्फ ऑफ मैक्सिको से फ्लोरिडा के तट पर टकराया यह अब तक का सबसे ताकतवर तूफान है।
वहीं अमेरिका के इतिहास में यह 14 सबसे खतरनाक तूफानों में से एक है। इससे पहले शुक्रवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, तूफान से 1 करोड़ 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं इसकी वजह से 1 हजार फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं। स्टेट इमरजेंसी सर्विस ने बताया है कि अगले दो से तीन दिन में 5 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं।सदी का सबसे बड़ा तूफान अमेरिकी मौसम वैज्ञानिक फिल क्लॉट्जबैक ने कहा कि पिछले 35 साल में सिर्फ 3 तूफान हेलेन से बड़े थे। 2017 का इरमा, 2005 का विल्मा और 1995 का ओपल। वहीं, ये मैक्सिको की खाड़ी में आया 100 साल का सबसे बड़ा तूफान है।
इरमा तूफान की वजह से अमेरिका और आसपास के देशों में 134 लोगों की मौत हुई थी। विल्मा से 23 लोग और ओपल तूफान की वजह से 27 लोग मारे गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, तापमान बढ़ने की वजह से ताकतवर तूफानों की संख्या बढ़ती जा रही है।स्टॉर्म या तूफान वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस होता है, जो तेज हवाओं के जरिए सामने आता है और उसके साथ बारिश, बर्फ या ओले पड़ते हैं। जब ये धरती पर होते हैं तो आम तूफान कहलाते है, लेकिन समुद्र से उठने वाले स्टॉर्म को हरिकेन कहते हैं। हरिकेन आम स्टॉर्म से ज्यादा खतरनाक होते हैं।
हरिकेन, साइक्लोन और टाइफून तीनों एक ही चीज होते हैं। दुनियाभर में साइक्लोन को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। जैसे- उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन, फिलीपींस, जापान और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून और ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर यानी भारत के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है।
समुद्रों के लिहाज से देखें तो अटलांटिक और उत्तर पश्चिम महासागरों में बनने वाले साइक्लोन हरिकेन कहलाते हैं। उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान टाइफून कहलाते हैं। वहीं दक्षिण प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं।इसी वजह से भारत के आसपास के इलाकों में आने वाले समुद्री तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। टॉरनेडो भी तेज तूफान होते हैं, लेकिन ये साइक्लोन नहीं होते, क्योंकि ये समुद्र के बजाय ज्यादातर धरती पर ही बनते हैं। सबसे ज्यादा टॉरनेडो अमेरिका में आते हैं।