देहरादून :उत्तराखंड में अक्तूबर-नवंबर के मध्य में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों की 38 प्रतियोगिताओं के लिए राज्य के सात शहरों का चयन हो चुका है। ये सातों शहर न सिर्फ राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेंगे बल्कि उनमें प्रतियोगिताओं के समापन के बाद भी खेलों की विश्वस्तरीय और बुनियादी सुविधाएं हमेशा के लिए उपलब्ध रहेंगी। खासकर देहरादून और हल्द्वानी की पहचान खेल गांव के रूप में भी कायम होगी।
इन दावों के साथ शासन ने भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से प्रस्तावित सभी खेलों को शहर वार कराने की तैयारी कर ली है। सात शहरों में गढ़वाल के देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश हैं। कुमाऊं के हल्द्वानी, नैनीताल, रूद्रपुर और गुलरभोज में प्रतियोगिताएं होंगी। कुल मिलाकर गढ़वाल में 23 और कुमाऊं में 15 तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।
खेलों की हाई पावर कमेटी में आयोजन का पूरा खाका पेश किया गया है। खेल संयोजक और विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा का कहना है कि राज्य न सिर्फ खेलों के भव्य आयोजन के लिए तैयार है बल्कि राष्ट्रीय खेलों के जरिए सात शहरों को विश्वस्तरीय स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर मिलने वाला है। खेलों के दौरान देहरादून और हल्द्वानी दो प्रमुख केंद्रों के रूप में खेल गांव बनेंगे। इन शहरों में खेल स्थानों के चयन की अंतिम घोषणा भारतीय ओलंपिक संघ करेगी, जो एक सप्ताह के भीतर सातों शहरों का विजिट करने वाली है।
इनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग, जिम्नास्टिक, टेबल टेनिस, बैंडमिंटन, बॉलिंग लॉन, शूटिंग, नेटबॉल, वॉलीबॉल, रग्बी सेवंस, टेनिस, कबड्डी, बॉस्केटबॉल, मॉर्डन पेंटाथलॉन, बॉक्सिंग और कराटे प्रतियोगिताएं होनी हैं।देहरादून से एक घंटे की दूरी पर हरिद्वार में हॉकी, घुड़सवारी, कुश्ती, योगासन और मलखंब प्रतियोगिता होगी। ऋषिकेश में कैनोइंग और कयाकिंग प्रतियोगिता होगी। कयाकिंग और कैनोइंग प्रतियोगिता में नौकायन किया जाता है।
हल्द्वानी में आठ खेल प्रतियोगिताएं : हल्द्वानी में पानी से संबंधित खेल (एक्वाटिक्स) होंगे, जिनमें तैराकी, वाटर पोलो और डाइविंग (गोता लगाना) शामिल है। इसके अलावा जूडो, फुटबॉल, खो-खो, वुशु, स्कवैश, ताइक्वांडो और ट्रायथलॉन प्रतियोगिता है। ट्रायथलॉन में 1500 मीटर तैराकी, 40 किमी साइकलिंग और 10 किमी रनिंग शामिल है।