वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर एक चुनावी रैली में जानलेवा हमला हुआ। थॉमस क्रुक्स नाम के एक व्यक्ति ने उन पर एआर-15 राइफल से गोली चलाई, जो उनके कान को छूते हुए निकल गई।
यह राइफल इतनी खतरनाक है कि इससे निकली गोली पल भर में ट्रंप का भेजा उड़ा सकती थी। इसकी रफ्तार इतनी तेज होती है कि इससे हड्डियों का चूरमा बन जाए। साथ ही यह लिवर की धज्जियां उड़ा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में इस वक्त करीब 34 करोड़ की आबादी है। वहां पर अभी 40 करोड़ बंदूकें लोगों के पास हैं। इसमें हर साल इजाफा ही हो रहा है।
गन रखने का ही नतीजा यह है कि गोलीबारी की घटनाओं में बीते 50 साल में 14 लाख लोगों ने जान गंवाई। आज अमेरिका में औसतन हर दिन 100 लोग मारे जाते हैं। यहां पर गन इस तरह से मिलती है, जैसे किसी स्टोर से सब्जियां और फल। आइए- समझते हैं गन कल्चर को और इसे किसने नियंत्रण में कर रखा है। इसके क्या नुकसान हैं।
द ट्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1899 से अब तक अमेरिकी मार्केट में 49.4 करोड़ बंदूकें बेची गईं। इसमें से करीब 40 करोड़ बंदूकें अब भी अमेरिका में सर्कुलेशन में हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि 2023 में 1.67 करोड़ बंदूकें बेची गईं।
वहीं, 2024 में हर महीने अमेरिकी तकरीबन 14 लाख बंदूकें खरीद रहे हैं। इस साल जनवरी से अप्रैल तक करीब 55 लाख बंदूकें खरीदी जा चुकी हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझते हैं कि किस देश के नागरिक कितनी बंदूक रखते हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, ज्यादातर अमेरिकी निजी सुरक्षा की वजह से गन खरीदते और रखते हैं। अमेरिका में गन खरीदने और रखने की वजह से कई बार सनकपन या गुस्से में लोग दूसरे पर बात-बात में फायरिंग कर देते हैं और दूसरों की जान ले लेते हैं।
हालांकि, गन रखने को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स समर्थक बंटे हुए हैं। जहां रिपब्लिकन समर्थक गन रखने से सुरक्षा का अहसास महसूस करते हैं, वहीं डेमोक्रेट्स समर्थक गन रखने पर टेंशन में आ जाते हैं। उन्हें डर लगता है कि घर में गन रखने से कुछ भी अनहोनी हो सकती है।
2020 में अमेरिका में मास शूटिंग की कुल 647 घटनाएं दर्ज की गई थीं। अमेरिका में 2020 में मास शूटिंग में कुल करीब 45 हजार लोग मारे गए थे। इसमें 24,200 सुसाइड के मामले भी थे। इस साल अमेरिकी इतिहास की सबसे ज्यादा गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं।
आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में हर महीने 53 फायरिंग यानी हर दिन दो जगहों पर मास शूटिंग की घटनाएं सामने आती हैं। संघीय जांच एजेंसी यानी एफबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में करीब 20 हजार लोग गोलीबारी की घटनाओं में मारे गए थे। ये हत्याएं कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेल्स समेत कई देशों के मुकाबले ज्यादा थीं।
अमेरिका का नेशनल राइफल एसोसिएशन सबसे ताकतवर गन लॉबी है, जो गन कल्चर के खिलाफ कानून बनाने से सरकार को रोकता है। ये एसोसिएशन कांग्रेस सदस्यों पर इतना खर्च करता है कि वो ताकतवर गन पॉलिसी नहीं बना पाते हैं। गन लॉबी के प्रभाव के चलते ही अमेरिकी सरकार आज तक कोई सख्त कानून नहीं ला पाई है। हाल ही में अमेरिका का जॉर्जिया प्रांत ने बंदूक लेकर घूमने पर पाबंदी हटा ली है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी और सीनेटर रॉबर्ट केनेडी और समाज सुधारक मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्याओं के बाद गन कंट्रोल एक्ट पारित हुआ। इससे कम उम्र के लोगों, आपराधिक बैकग्राउंड वाले लोगों के गन रखने पर अंकुश लगाया गया। 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने ब्रैडी हैंडगन वॉयलेंस प्रीवेंशन एक्ट पर दस्तखत किए थे, जिसमें भी गन कंट्रोल को लेकर कोई खास प्रावधान नहीं किया गया था।
अमेरिका के गन कल्चर को रोकने के लिए जून 2022 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बिल पर दस्तखत भी किए थे। इस कानून में बंदूक खरीदारों के रिकॉर्ड चेक करने, हथियार वापस लेने और कई अन्य प्रोग्राम चलाने की योजना बनाई गई थी। उस वक्त इस बिल पर हस्ताक्षर करते हुए बाइडन ने कहा था-यह कानून लोगों की जान बचाने में मददगार होगा। मैं हार मानने वाला नहीं हूं। हालांकि, इसके एक साल भी हालात नहीं बदले।
अमेरिका में गन कल्चर खत्म न हो पाने की वजह आर्म्स डीलरों की तगड़ी लॉबी है। ट्रंप समेत कई राष्ट्रपति ऐसे रहे हैं, जो सख्त बंदूक कानून बनाने का विरोध किया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी उनमें शामिल हैं। बाइडन कानून लेकर आए, मगर गोलीबारी रोकने में नाकाम हुए।
चार महीने में ही अमेरिकी लोगों ने 55 लाख बंदूकें खरीद डालीं। 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 63 हजार लाइसेंस्ड गन डीलर थे, जिन्होंने उस साल अमेरिकी नागरिकों को 83 हजार करोड़ रुपए की बंदूकें बेची थीं।
अमेरिका में गन कल्चर तब से शुरू हुआ, जब यहां पर ब्रिटिश सरकार का राज था। अमेरिकी क्रांति के बाद भी 1791 में संविधान का दूसरा संशोधन करके अमेरिकी लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखने और खरीदने का अधिकार दिया गया था। उस वक्त से अमेरिका में बंदूक बनाने वाली कंपनियों का राजनीति पर गहरा प्रभाव था। उन्होंने अपने हथियार बेचने के लिए अमेरिकी सरकार से जबरन संविधान संशोधन करवाया।
इस गन लॉबी का इतना असर था कि अब तक 230 साल बीतने के बाद भी गन रखने पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकी है। बाइडन समेत जिस भी सरकार में कानून लाए भी गए तो वो भी बस बंदूक के इस्तेमाल पर कुछ रोक लगाने से संबंधित थे। वो बंदूक न रखने और खरीदने पर पाबंदी लगाने वाले कानून नहीं थे।