केरल:केरल के वायनाड जिले में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है. राहत-बचाव का कार्य जारी है और मलबे के नीचे से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. कुछ लोगों की किस्मत अच्छी रही है कि उन्हें बचाव में जुटे कर्मियों ने जिंदा ही बाहर निकाला है, जबकि कुछ इतने खुशकिस्मत नहीं रहे हैं. वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन का शनिवार (3 अगस्त) को चौथा दिन है. वायनाड के चूरमाला में एनडीआरएफ लेकर सेना के जवान तक लोगों को बचाने के काम में जुटे हुए हैं.
रेस्क्यू टीम अडवांस्ड टेक्निकल उपकरणों और खोजी कुत्तों के जरिए लोगों को जिंदा ढूंढ रही है. इस दौरान बड़ी तादाद में लोगों के शव भी बरामद किए जा रहे हैं. केरल में पिछले कुछ सालों में आई ये सबसे भयानक आपदा रही है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि रडार को मलबों के नीचे कुछ हरकतें नोटिस हुई हैं, जो लोगों के जिंदा होने के सबूत हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि अभी तक वायनाड में हुए भूस्खलन को लेकर क्या अपडेट्स हैं.
वायनाड भूस्खलन में अब तक 334 लोगों की मौत हो चुकी है. 210 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 187 लोगों को अस्पताल से इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया है. हालांकि, अभी भी भूस्खलन के बाद 300 के करीब लोग लापता हैं. उम्मीद की जा रही है कि ये लोग अभी जिंदा हों.
वायनाड में शनिवार को रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ. लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया, “आज भी हमारा कल की तरह ही प्लान है. हमने अलग-अलग जोन बांटे हैं और टीम वहां के लिए रवाना हो गई है. टीमों के साथ खोजी कुत्ते और वैज्ञानिक भी गए हैं. स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में हमारी मदद कर रहे हैं.”
भूस्खलन के चौथे दिन पदवेट्टी कुन्नू के पास एक घर से चार लोगों के एक परिवार को बचाया गया, जिससे जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे सैकड़ों बचावकर्मियों को आशा की किरण दिखी है. लगभग 40 रेस्क्यू टीम कुत्तों के साथ, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह क्षेत्रों में खोज अभियान चला रही है.
वन अधिकारियों ने बचाव अभियान के दौरान एक आदिवासी समुदाय के चार बच्चों और उनके माता-पिता को बचाया. कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के हशीस के नेतृत्व में टीम परिवार को बचाने के लिए जंगल के अंदर तक गई. एक अधिकारी ने बताया कि रडार पर हमें सिग्नल मिले कि कोई सांस ले रहा है. फिर हमने उन्हें जाकर बचाया.
आईएमडी ने शनिवार के लिए वायनाड का मौसम अपडेट भी जारी कर दिया है. विभाग ने बताया है कि वायनाड में बादल छाए रहेंगे और रुक-रुक कर बारिश भी होने वाली है. भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा भी पैदा हो गई थी. हालांकि, बारिश रुकने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेज किया गया है.
अमेरिका, चीन, जर्मनी और नीदरलैंड सहित कई देशों ने वायनाड भूस्खलन में हुई जानमाल की हानि पर शुक्रवार को शोक व्यक्त किया है. मिस्र, जॉर्डन और बहरीन ने भी केरल की घटना पर भारत के साथ एकजुटता प्रकट की है. अमेरिका की ओर से, विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने एकजुटता संदेश पोस्ट किया.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने बचावकर्मियों की बहादुरी की सराहना करते हुए संवेदना व्यक्त की.
व्हाइट हाउस ने कहा, “हम उन परिवारों के साथ शोकाकुल महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और इस कठिन समय के दौरान हम भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.”
केंद्र सरकार ने केरल के वायनाड के 13 गांवों सहित पश्चिमी घाट के 56,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसए) घोषित करने के लिए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है. यह नोटिफिकेशन वायनाड में भूस्खलन से 300 से अधिक लोगों की जान जाने के एक दिन बाद जारी की गई है.
मेप्पडी में 17 राहत शिविरों में 707 परिवारों के 2,597 लोग रह रहे हैं. जिले भर में कुल 91 शिविरों में लगभग 10,000 लोगों ने शरण ली हुई है. फिलहाल लोगों को बचाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आई है.