इलेक्शन डे की 180 साल पुरानी परंपरा

वॉशिंगटन। अमेरिका में आज सुबह 7 बजे से राष्ट्रपति पद के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस चुनाव के दोनों ही उम्मीदवारों उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ( Kamala Harris ) और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) के बीच कांटे की टक्कर है। इस बीच गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका में हमेशा नवंबर के पहले मंगलवार को ही चुनाव क्यों होता है?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए सिर्फ एक दिन वोटिंग होती है। वहां हर चार साल पर, नवंबर माह के पहले मंगलवार को मतदान कराने की परंपरा है। लेकिन यह परंपरा कब और कैसे शुरू हुई, इसके बारे में लोगों को कम जानकारी है।

अमेरिका में यह नियम है कि अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव नवंबर के पहले मंगलवार को होगा, जैसा कि अमेरिकी संविधान में कहा गया है।नवंबर में सोमवार(पहले हफ्ते में) के बाद आने वाले पहले मंगलवार को मतदान करने की परंपरा लगभग 180 साल पुरानी है। उस समय, राज्यों के पास मतदान कराने के लिए 34 दिनों का समय होता था और दिसंबर के पहले बुधवार तक मतदान कराना होता था। लेकिन इससे समस्याएं पैदा हुईं।

अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया भारत की तरह सेंट्रलाइज्ड नहीं है। संघीय चुनाव आयोग, अभियान वित्त कानूनों की देखरेख करता है, जबकि राज्य और स्थानीय प्राधिकरण चुनाव प्रक्रिया का प्रबंधन करते हैं। हर राज्य मतदाता पात्रता से लेकर बैलट डिजाइन और मतगणना प्रक्रियाओं तक को लेकर, अपने चुनाव नियम तय करता है। इस वजह से, मतदान और मतगणना प्रक्रिया पूरे देश में बड़े पैमाने पर अलग हो सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव की तारीख पूरे देश में एक ही रहती है- नवंबर का पहला मंगलवार।

19वीं सदी के मध्य तक, अमेरिका के हर राज्य में अलग-अलग दिन वोटिंग हुआ करती थी, बशर्ते कि मतदान दिसंबर में इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक से पहले करा लिया जाए। 1844 में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर की शुरुआत से लेकर दिसंबर तक चले थे। कुछ लोगों को लगा कि यह व्यवस्था उतनी कारगर नहीं है।

इसके बाद 1845 में अमेरिकी कांग्रेस ने एक अधिनियम पारित किया। उस कानून के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीख तय कर दी गई। अधिनियम में कहा गया है कि यह तारीख ‘नवंबर महीने के पहले सोमवार के बाद आने वाले मंगलवार को’ होनी चाहिए। लेकिन मंगलवार ही क्यों चुना गया? और नवंबर का पहला मंगलवार ही क्यों? इसकी भी अपनी कहानी है।

उस दौर में अमेरिका एक नया देश था, उसे अस्तित्व में आए 100 साल भी नहीं हुए थे। अधिकतर आबादी खेती करती थी। नवंबर का महीना इसलिए चुना गया क्योंकि यह वसंत के व्यस्त बुआई सीजन या शरदकालीन फसल के सीजन में नहीं पड़ता था। साथ ही यह, ठंड आने से पहले आता था।

अधिकतर किसान दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहते थे, जो शहरों के पोलिंग सेंटर्स से काफी दूर थे। यानी, उन्हें वोट डालने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता था जिसमें उन्हें एक दिन लग जाता था। चुनाव का दिन तय करने के लिए बड़ी माथापच्ची की गई। रविवार इसलिए नहीं चुना जा सकता था क्योंकि ईसाई उस दिन चर्च जाते हैं। बुधवार को बाजार लगते थे तो उस दिन किसान फसलें व अन्य सामान बेचने में व्यस्त रहते हैं।

लोग रविवार और बुधवार को यात्रा भी नहीं कर पाते, इसलिए सोमवार या गुरुवार को चुनाव रखने का विचार भी त्याग दिया गया। मंगलवार हर लिहाज से मुफीद दिन बैठ रहा था। इसलिए नवंबर महीने के पहले मंगलवार को ही मतदान कराना तय किया गया।

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